History of Institution

एस. पी. यू. काॅलेज, फालना: एक द्रष्टि क्षेप


एस. पी. यू. महाविद्यालय में आपका हार्दिक स्वागत है।यह शिक्षण संस्था गोड़वाड़ अंचल के ग्रामीण क्षेत्र के मध्य में अपना एक विशिष्ट स्थान रखती है। जैन समाज की दानवीरता एवं उदारता के परिणामस्वरूप ही इस संस्था का अंकुरण हुआ। प्रातः स्मरणीय युगवीर, पंजाब केसरी आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभसूरीश्वरजी महाराज साहब एवं उनके शिष्य रत्न श्री ललित सूरीश्वरजी महाराज की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से एक मिडिल स्कूल के रूप में इस संस्था का जन्म उम्मेदपुर में हुआ था। कालान्तर में इसका स्थानान्तरण फालना स्टेशन पर हुआ। शिक्षा प्रेमियों के सतत् प्रयास के फलस्वरूप 1951 में यह इन्टर काॅलेज बना एवं 1958 में आचार्य प्रवर श्री समुद्र सूरीश्वरजी महाराज साहब एवं मुनिभूषण मरूधर रत्न श्री वल्लभ विजयजी महाराज साहब के अथक प्रयत्नों से इसका डिग्री काॅलेज के रूप में विकास हुआ। 1986 में काॅलेज को स्नातकोत्तर  स्तर प्राप्त हुआ। सत्र 2003-04 से कम्प्यूटर विज्ञान तथा सत्र 2008-09 से प्रबन्धन के अन्तर्गत बी.बी.ए. पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुआ।विद्यार्थियों के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास हेतु सभी संकायों में गठित विभिन्न परिषदों के माध्यम से विभिन्न सह शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन प्रतिवर्ष किया जाता है साथ ही रोजगार परामर्श प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ, योजना मंच, रेगिंग रोकथाम केन्द्र आदि का संचालन भी किया जा रहा है।

महाविद्यालय का संचालन श्री पार्श्वनाथ उम्मेद जैन शिक्षण संघ, फालना द्वारा किया जाता है। इस संस्था को आचार्यप्रवर श्री इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी महाराज साहब का आर्शीवाद प्राप्त है। सत्र 2012-13 से जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से सम्बद्धता प्राप्त है। इस संस्था में प्रवेश सभी वर्गों के लिये उपलब्ध है। विगत 69 वर्षों में महाविद्यालय सर्वदा प्रयत्नशील रहा है कि यहाँ परम्पराएँ और शिक्षा तथा सांस्कृतिक उपलब्धि का एक उच्च स्तर स्थापित हो।